छात्रावासों में स्वास्थ्य, सुरक्षा और शुद्ध भोजन देने की व्यवस्था पर दिया जाये विशेष ध्यान

अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए संचालित छात्रावास और आश्रमों में व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से रखने तथा इनके बेहतर संचालन को सुनिश्चित करने के लिए राज्य शासन द्वारा वरिष्ठ सचिव स्तर के अधिकारियों को जिला का दायित्व सौपा गया है। संभाग के इंदौर, खरगोन, खंडवा एवं बुरहानपुर जिले के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव श्री पी. नरहरि को उक्त जवाबदारी दी गई है। श्री पी. नरहरि इस संबंध में आज इंदौर पहुँचे और उन्होंने संबंधित जिलों के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने छात्रावास और आश्रमों में उपलब्ध सुविधाओं, संसाधनों तथा व्यवस्थाओं के संबंध में जिलेवार समीक्षा की। इस अवसर पर संभागायुक्त श्री दीपक सिंह, अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग के उपायुक्त श्री ब्रजेश पाण्डे सहित संबंधित जिलों के सहायक आयुक्त अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा शिक्षा विभाग के संभागीय और जिला अधिकारी मौजूद थे। बैठक में सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग श्री पी. नरहरि ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे छात्रावास और आश्रमों का बेहतर संचालन सुनिश्चित करें। उपलब्ध संसाधन और सुविधाओं का विद्यार्थियों के हित में समुचित उपयोग सुनिश्चित करें। छात्रावासी विद्यार्थियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें और उन्हें गुणवत्तापूर्ण तथा शुद्ध रूप से भोजन देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि माह में एक बार सभी विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाये। आवश्यकता होने पर उनका उपचार भी कराया जाये। बच्चों के नेत्रों का परीक्षण भी किया जाये। सिकल सेल बीमारी के संबंध में भी उनकी जाँच कराई जाये। बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रखें। बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे। सभी छात्रावासों विशेषकर कन्या छात्रावासों में बांउड्री वाल अनिवार्य रूप से हो। अनाधिकृत व्यक्तियों का किसी भी हाल में प्रवेश नहीं हो। विद्यार्थियों को निर्धारित मेनु के अनुसार पोष्टिक भोजन मिले। उन्हें पीने का शुद्ध पानी मिले यह व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाये। पेयजल का नियमित रूप से परीक्षण करते रहें। विद्यार्थियों को पूर्ण रूप से सुरक्षित, स्वच्छ और शुद्ध वातावरण मिले। विद्यार्थियों में सकारात्मकता का भाव बना रहे, ऐसी व्यवस्था भी की जाये। बच्चों को घर जैसा वातावरण मिले। उनकी देख-रेख अभिभावक के रूप में की जाये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे हॉस्टल और आश्रमों का नियमित रूप से निरीक्षण करते रहें। मैं भी स्वयं जिलों में पहुँचकर आश्रम और छात्रावासों का निरीक्षण करूंगा। उन्होंने छात्रावासी विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता पर भी ध्यान देने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की शैक्षणिक स्तर पता करने के लिए उनकी रैंकिंग भी की जाये। कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान दे और उनकी शैक्षणिक स्तर में सुधार लाये। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के सभी अवसर उपलब्ध करायें। उन्हें सकारात्मक वातावरण दें। बैठक में संभागायुक्त श्री दीपक सिंह ने इंदौर संभाग के जिलों में स्थित छात्रावास और आश्रमों की व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने छात्रावास और आश्रमों के बेहतर संचालन के लिए किये जा रहे कार्यों और नवाचारों की भी जानकारी दी।

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