
विश्व धरोहर सप्ताह के अवसर पर संचलनालय, पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय, भोपाल के तत्वावधान में केंद्रीय संग्रहालय इंदौर में व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। शुभारम्भ देवी सरस्वती के चित्र के माल्यार्पण करने के साथ दीप प्रज्वलन कर किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. एच. आर. पाटीदार प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष (टूर एंड ट्रेवल विभाग) आई.पी.एस. एकेडमी, डॉ. श्रीमती संध्या भार्गव प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष (इतिहास विभाग) शासकीय अटल बिहारी कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय एवं श्री आस्तिक भरद्वाज, प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर, आईजीएनसी उपस्थित रहे। डॉ. पाटीदार ने अपने व्याख्यान में पुरातत्वीय स्मारकों के संरक्षण के महत्व के साथ ही उनसे सम्बंधित समस्याओं एवं प्रभाव पर प्रकाश डाला। डॉ. भार्गव ने इतिहास में पुरातत्व के विषय पर अपने उद्बोधन में इतिहास निर्माण में पुरातत्वीय साक्ष्यों यथा अभिलेख, मुद्रा एवं स्थापत्य के महत्व को दर्शाते हुए विविध उदाहरणों से उपस्थित श्रोताओं का ज्ञानवर्धन किया। इसी क्रम में श्री आस्तिक भारद्वाज द्वारा आईजीएनसी संस्था का परिचय देते हुए पुरातत्व वस्तुओं का संरक्षण क्यों आवश्यक है एवं उसकी विविध तकनीकों के सम्बन्ध में अपने अनुभव साझा करते हुए पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दिया। व्याख्यान माला के समाप्ति पर शासकीय अटल बिहारी कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय तथा आई.पी.एस एकेडमी के विद्यार्थियों द्वारा संग्रहालय भ्रमण किया गया। वरिष्ठ मुद्रा शास्त्री श्री गिरीश शर्मा ‘आदित्य’ ने अपने विशाल मुद्रा संग्रह को दान कर मुद्रा संग्रहालय स्थापित करने की घोषणा की। व्याख्यान माला में विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के अतिरिक्त डॉ. एस. के. भट्ट (इतिहासकार), श्री हिमांशु दूधवड़कर (वास्तु सलाहकार), श्री प्रवीण श्रीवास्तव (रसायनज्ञ), श्री योगेश पाल (प्रभारी संग्रहाध्यक्ष, उज्जैन) उपस्थित रहे। अंत में श्री प्रकाश परांजपे (उपसंचालक, पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्राहलय, इंदौर) द्वारा विभाग की ओर से सभी वक्ताओं एवं उपस्थित श्रोताओं का आभार व्यक्त किया गया।
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