पांच दिवसीय सेवा मेले का हुआ शुभारंभ

जिस प्रकार माखन की रक्षा करने का कार्य उस पात्र का होता है जिसमें वह रखा होता है। ठीक उसी प्रकार स्त्री का सम्मान व उनकी रक्षा करना समाज का कार्य होता हैं। इतिहास अगर देखा जाए तो उसमें देखने को मिलता हैं कि स्त्री को अपनी रक्षा कभी नहीं करना पड़ी बल्कि भगवान ने स्वयं स्त्री की रक्षा की। महाभारत इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि आज नारी को स्वयं रक्षा के लिए शस्त्र हाथ में लेना पड़ रहा हैं। यह स्थिति चिंतनीय हैं। नारी की रक्षा करना नारी का नहीं समाज का कार्य होता हैं। उक्त विचार त्रिदंडी श्रीमन्नारायण रामानुज चिन्न जीयर स्वामीजी महाराज ने लालाबाग पैलेस में आयोजित पांच दिवसीय हिन्दू आध्यात्मिक सेवा मेले के उद्घाटन समारोह के दौरान धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। महाराज जी ने कहा कि नारी का स्वभाव प्रेम देना है न कि शस्त्र उठाना। नारी अपने आत्म रक्षा व स्वाभिमान बचाने के लिए सभी कुछ सीखे लेकिन शस्त्र न उठाए। नारी हर क्षेत्र में सक्षम बने लेकिन उसको शस्त्र उठाने की आवश्यकता न पढ़े और नारी शक्ति की सुरक्षा का दायित्व पुरुष समाज लें। वही विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि नारी का सम्मान करना आज की आवश्यकता हैं। सदैव से नारी पूजनीय रही हैं नारी का स्वभाव कोमलता व स्नेह देने वाला होता हैं लेना नहीं। हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान इन्दौर के चेयरमेन विनोद अग्रवाल, अध्यक्ष राधेश्याम शर्मा, सचिव विनोद बिड़ला एवं प्रचार प्रमुख जवाहर मंगवानी ने बताया कि मेले का शुभारभ मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। उद्धघाटन समारोह की अध्यक्षता विनोद अग्रवाल ने की एवं विशिष्ट अतिथि गुणवन्त सिंह कोठारी थे। विनोद अग्रवाल ने सेवा मेले की गतिविधियों से अवगत कराया तो वहीं गुणवत कोठारी जी ने मेले की विशेषताओं पर सभी का ध्यान इंगित किया। समारोह में सोमकान्त शर्मा ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दामोद्रराचार्य, कृष्णाचार्यजी, खगेंद्र भार्गव, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक मालिनी गौड़, सुभाष पालीवाल, ईश्वर हिंदुजा, सुरेश बिजोलिया, विकास मिश्रा, राकेश राठौर, चंद्रमोहन दुबे सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। प्रचार प्रमुख जवाहर मंगवानी ने बताया कि सेवा मेले में अलग-अलग झोन बनाएं गए हैं। इन झोनो में मीडिया कक्ष, कार्यालय/पूछताछ केंद्र, चिकित्सक कक्ष, प्रबधन कक्ष, विशिष्टजन कक्ष, बैठक कक्ष, भंडार कक्ष, विचार-विमर्श कक्ष सहित अन्य कक्ष बनाए गए हैं। वहीं इसी के साथ मेले में आध्यात्मिक झोन भी बनाया गया है।.जिसमें शहर के मठ-मंदिरों की प्रतिकृति बनाई गई हैं। खजराना गणेश, रणजीत हनुमान, महेश्वर घाट सहित यहां आने वाले लोगों का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सेवा मेला 2 दिसम्बर तक जारी रहेगा।

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