दिव्यांगजन कल्याणार्थ नगरीय निकायों के बजट में रखा जायेगा वित्तीय प्रावधान

जिले के इंदौर नगर निगम सहित अन्य नगरीय निकायों में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के परिपालन में बजट में वित्तीय प्रावधान किया जायेगा। इस संबंध में कलेक्टर श्री आशीष सिंह द्वारा दिव्यांगजनों को सशक्त करने के लिए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों का पालन करने के निर्देश दिये गए है। बताया गया कि भारत सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के कल्याण, पुनर्वास एवं सशक्तिकरण हेतु संयुक्त राष्ट्र समझौता (V.N.C.R.P.D.) के परिपालन में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों पर दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 को भारत सरकार द्वारा संसद में पारित कर 15 जून 2017 को लागू किया गया है, जिसे मध्यप्रदेश शासन द्वारा भी 25 जनवरी 2018 को अधिसूचित कर दिया गया है। अधिनियम में दिव्यांगजनों को आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक एवं सभी क्षेत्रों में सम्पूर्ण भागीदारी के लिए अधिकार प्रदान किये गए है, जिसका पालन भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के अधीन कार्यरत् समस्त विभागों के द्वारा किया जाना है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के अनुच्छेद 24, 25, 26 एवं 27 के प्रावधानों के अनुसार स्थानीय निकायों को दिव्यांगजनों के स्वास्थ्य, बीमा, पुनर्वास, बाधा रहित वातावरण, शिक्षा, रोजगार एवं जनजागरण हेतु वित्तीय प्रावधान कर उपरोक्त सुविधाएँ आवश्यक रूप से प्रदान किये जाने का स्पष्ट उल्लेख है। उपरोक्त अनुच्छेद के परिपालन में स्थानीय निकाय क्षेत्रान्तर्गत निवासरत् समस्त दिव्यांगगजनों के पुनर्वास हेतु वार्षिक बजट में कृत्रिम अंग सहायक उपकरण, शिविर, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल उन्नयन प्रशिक्षण, पुनर्वास, रोजगार एवं सहायक उपकरणों की मरम्मत आदि हेतु बड़ी निकायों में कम-से-कम 25 लाख रुपये एवं छोटी निकाय यथा जनपद पंचायतों में 10 लाख रुपये एवं नगर पंचायतों में 05 लाख रुपये का वार्षिक बजट का प्रावधान करने के निर्देश दिये गए हैं।

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