हेरिटेज ट्रेन

इंदौर के समीप, रेलवे के 140 साल पुराने पातालपानी कलाकुंड ट्रैक पर हेरिटेज ट्रेन प्रारंभ हुई हैं। इस ट्रेन में यात्रा को लेकर पर्यटकों में भारी उत्साह हैं। इसके कोच में पारदर्शी फाइबर ग्लास लगे हैं ताकि यात्री पूरे रूट पर प्राकृतिक सौंदर्य का भरपूर लुफ्त ले सकें। टनल एवं पुल पर ट्रेन रुकती भी…

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केंद्रीय संग्रहालय

यह इंदौर ही नहीं वरन् मध्य भारत का केंद्रीय संग्रहालय है। इस संग्रहालय में पुरातत्व के महत्व की अनेकानेक आदिकालीन एवं पाषाण प्रतिमाएं रखी गई हैं। होलकर राजवंश की अनेक वस्तुएँ भी यहाँ प्रदर्शित की गई है। विभिन्न कालों में प्रचलित मुद्राए, आदि अनेक जानने योग्य सामग्रियाँ यहाँ पर मौजूद हैं। संग्रहालय में अनेक पुरातन…

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काँच मंदिर

शहर के मध्य क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध काँच मंदिर स्थित हैं। खासतौर पर विदेशी पर्यटक तो इस अद्भुत कला को निहारने के लिए यहाँ पर अवश्य आते हैं। जैन मंदिर मैं शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा प्रतिष्ठित है। जैन धर्म की विभिन्न पौराणिक कथाओं को कलात्मक तरीक़े से काँच पर उकेरा गया है। मंदिर की भीतरी…

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बिजासन टेकरी

नगर के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित श्री बिजासन माता के मंदिर का अपना एक विशेष महत्व है। कहते हैं महाराजा शिवजीराव होलकर ने अपनी मन्नत पूरी होने पर यह मंदिर बनवाया था। भक्तगण कहते हैं यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है। यह मंदिर एक ऊँची टेकरी पर प्रतिष्ठित है। यहाँ से शहर…

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कृष्णपुरा की छत्रियां

राजवंश के सदस्यों की स्मृतियों में तत्कालीन होलकर शासकों द्वारा निर्मित छत्रियां मराठा और मुगलकालीन स्थापत्य कला के सम्मिश्रण का बेजोड़ उदाहरण ही है। ख़ास मौकों पर यहाँ आकर्षक विद्युत सज्जा की जाती है। रोशनी के रंगों में सराबोर यह छत्रियाँ छटा बिखेरती है। कृष्णपुरा की छत्रियाँ और छत्रिबाग इसी परिप्रेक्ष्य में बनायी गई है।

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लालबाग पैलेस

शिवजीराव होलकर द्वारा निर्मित अति भव्य लालबाग पैलेस होलकर राजवंश का प्रतीक है। यह पर वर्साइल्स किले की शैली में सजावट की गई है। इटालियन मार्बल के कॉलम्स महल की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगाते हैं। महल का मुखिया दरवाज़ा बकिंघम पैलेस की प्रतिकृति के स्वरूप में दिखाई देता है। भव्य शैडंलियर्स, बेशक़ीमती फारसी कालीन…

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खजराना गणेश मंदिर

सन् १०२८ से १०६० के मध्य यहाँ पराक्रमी परमार वंश के महाराजा भोज प्रथम का आधिपत्य था। लगभग उसी जमाने में नगर के खजराना ग्राम में प्राचीनतम चिंताहरण भगवान श्री गणेशजी की प्रतिमा प्रतिष्ठित हुई।अपनी मनोकामना लेकर यह दूर दूर से श्रद्धालुगण दर्शन हेतु आते है। अधिकांश विशिष्ट आयोजनों का प्रथम न्यौता गणेशजी को ही…

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गांधी हॉल

इंडोगोथिक शैली और सियोनी स्टोन से बनी इस भव्य इमारत का नाम पहले किंग एडवर्ड हॉल था। १९०४ में निर्माण हुआ। बाद मैं इसका नाम गांधी हॉल रखा गया। इस इमारत के गुंबद पर चारों ओर विशालकाय घड़ी लगी है। ईसा विशाल सभागृह का वास्तु मुंबई के स्टीवेंस ने तैयार किया था। गांधी हॉल परिसर…

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राजबाड़ा

होलकर शासकों के द्वारा बनवाई गई यह इमारत ढाई सौ साल पुरानी है। ऐतिहासिक महत्व की यह सात मंज़िला इमारत शहर के बिछी बीच स्तिथ है। मराठा राजाओ के उपरांत कुछ समय तक निजी हथों मैं रहने के बाद इस ऐतिहासिक धरोहर को सन् १९७६ में आम जानता को समर्पित किया गया। यह महल मराठा,…

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