इंदौर जिले में लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केन्द्रों पर मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके तहत मतदान केन्द्रों पर छाया, पेयजल, पंखे आदि की समुचित व्यवस्था रहेगी। दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए रेलिंग वाले रैंप भी बनाए जाएंगे। इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में इन मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आज यहां जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सिद्धार्थ जैन ने संबंधित अधिकारियों की बैठक ली। बैठक मे जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संजय तिवारी, जिले की चारों जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं सहायक यंत्री उपस्थित थे। मतदान केन्द्रों की तैयारी एवं उपलब्ध सुविधाओं पर चर्चा के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सिद्धार्थ जैन द्वारा निर्देशित किया गया कि मतदान केन्द्र भवनों के आवश्यक सुधार कार्य अविलम्ब सुनिश्चित करते हुये, मतदान केन्द्र परिसर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाये। मतदान केन्द्र भवनों की आवश्यकता अनुसार पुताई एवं साज सज्जा सुनिश्चित करें। सभी मतदान केन्द्रों पर विद्युत फिटिंग एवं पंखे, लाईट आदि सही स्थिति में एवं उपयोगी हो यह आवश्यक रूप से ध्यान दिया जाए। दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केन्द्रों पर सही स्लोप एवं रेलिंग वाले रैम्प उपलब्ध होना भी सुनिश्चित करें। ग्रीष्मकाल को देखते हुए मतदान केन्द्रों पर छाया व्यवस्था एवं पेयजल व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाना है। सीईओ जिला पंचायत द्वारा प्रत्येक जनपद में 21 मतदान केन्द्रों को आदर्श मतदान केन्द्रों के रूप में विकसित करने के निर्देश दिये गये। मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सिद्धार्थ जैन द्वारा स्वीप गतिविधियों के संबंध में जनपद पंचायत की तैयारियों की समीक्षा की गई। निर्देश दिए गए कि जिन मतदान केन्द्रों पर गत निर्वाचन में कम मतदान हुआ है ऐसे सभी केन्द्रों के कम मतदान के कारणों का विश्लेषण करते हुये सभी जनपद पंचायत इन केन्द्रों के लिए स्वीप गतिविधियों के सघन आयोजन का कैलेण्डर 3 दिवस में प्रस्तुत करें। मतदान केन्द्र स्तर के बैग दल, चुनाव पाठशाला एवं शालाओं में मतदाता जागरूकता क्लब को क्रियाशील बनाया जाये। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में सम्पत्ति विरूपण की रोकथाम की दिशा में जनपदों की कार्यवाही की समीक्षा भी की गई। निर्देशित किया गया कि ग्रामीण क्षेत्र में सम्पत्ति विरूपण अधिनियम का उल्लंघन पाये जाने पर उल्लंघनकर्ता के विरूद्ध अविलम्ब वैधानिक कार्यवाही की जाये। बैठक के अंत में सभी जनपद पंचायतों को ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल योजनाओं के संचालन की सतत समीक्षा एवं सुधार के निर्देश दिये गये।
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