टोना का तात्पर्य मंत्र या शाप देने से है, जबकि टोटका का तात्पर्य वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए ताबीज या ताबीज के उपयोग से है। कुल मिलाकर, टोना टोटका एक विवादास्पद प्रथा है जिसे भारत में मुख्यधारा के समाज द्वारा मान्यता प्राप्त या समर्थित नहीं किया गया है, लेकिन कहते हैं जब कुछ ईलाज, दवा काम न करें तो व्यक्ति इस ओर रुख करता ही है। यह ऐसा फेर है जिसमें इंसान को कोई आस नही रहती तो वह टोटके तलाशने लगता है। ठीक न होने पे चर्चा शायद बेमानी इसलिए होगी कि इसमें सबके अनुभव अलग अलग होंगे, आम जीवन मे कोई ऐसा विपरीत कार्य के दौरान मोच, चोड़ला (मांसपेशी में जकड़न) जैसी समस्या कभी न कभी होती ही है। ऐसे में पुराने लोग पग पायले से दर्द वाले स्थान पर लात लगवाते थे, लेकिन बात अब उसकी जिसके बारे में यह लिखना आवश्यक हुआ। शहर का ह्रदय स्थल राजबाड़ा और राजबाड़े के ठीक पास से सराफा जाने वाली गली का वह कोना जो आपको चित्र में दिख रहा है, यह एक ऐसा स्थान था जहाँ सुबह 5 बजे के आस पास कई लोग या तो अपनी पीठ, कमर, कंधा रगड़ते दिखते थे, सालों से ऐसा लोगों द्वारा करने के से वहां की दीवाल का पत्थर पर घिसने जैसे निशान पड़ गए थे, मगर रिनोवेशन के दौरान वह स्थान धूमिल हो गया। आज भी वे लोग जिनको यहां आकर इस टोटके से फर्क (राहत) मिलती थी वे जब उस स्थान को देखते होंगे तो उन्हें वहां एक रिक्त स्थान सा महसूस होता होगा। (सत्येंद्र हर्षवाल)
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