
मालवा का प्रमुख व्यापारिक नगर होने का गौरव इंदौर शहर को पिछली एक शताब्दी से प्राप्त है। यहाँ के उद्योग व्यापार ने अंतरराष्ट्रीय जगत में ख्याति पायी है। मालवा की संपन्नता ने अनेक धनिक व्यापारियों को भी अपनी ओर आकर्षित किया। वे अपने अपने कारोबार सहित इंदौर आ बसे। इनमें कोई संदेह नहीं कि मालवा ने उन्हें मालामाल कर दिया। ऐसे घरानों की श्रृंखला में सर्वप्रथम नाम सर सेठ हुकुमचंदजी के परिवार का आता है। उनके दादाजी श्री मानकचंदजी यहाँ मनकचंद मंगीराम नामक फर्म से व्यापार करते थे, जो संपूर्ण मालवा में प्रसिद्ध थी। इस फर्म को 1890 में ग्यारह पंच संस्था की सदस्यता प्रदान की गई, जो एक दुर्लभ सम्मान था। इसी तरह सेठ रामप्रतापजी, शिवजीराम सालिगरामजी एवं बिनोदीराम बालचंदजी, बखतराम बच्छराज, बलदेवदास गोरखराम एवं तिलोकचन्द कल्याणमल की फर्मों ने भी प्रसिद्धि पाई।