व्यापार व्यवसाय के क्षेत्र में उन दिनों होलकर स्टेट को बेहद ही उन्नत क्षेत्र माना जाता था। उत्तम जलवायु, भौगोलिक अनुकूलता, उपजाऊ भूमि और आयकर न होने की वजह से उद्योग व्यवसाय खूब पनपे। तत्कालीन व्यवसाय के युग से ही इंदौर की एक खासियत यह रही कि यहाँ पर भिन्न भिन्न वस्तुओं के लिये अलग अलग मंडियाँ हैं। अनाज मंडी अलग है, बर्तन बजार अलग है, सोने चाँदी का मार्केट भी भिन्न है, कपड़ा व्यवसाय का ठिकाना अलग है, इस तरह कारोबार व्यवस्थित चलता था। इंदौर स्टेट के युग में मुम्बई और ब्रिटिश भारत के अन्य केंद्रों पर यहाँ से अनाज व अफीम के बिक्री होती थी। आवक खरीदी में नमक, शक्कर, घासलेट, लोहे की वस्तुएँ खासतौर पर शामिल थी। आज के इंदौर में भी यही परंपरा जारी है और हर वस्तु के व्यवसाय के लिए नियत ठिकाना है।
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