अचल सम्पत्तियों की गाइडलाइन में आगामी वित्त वर्ष में इजाफा होने जा रहा है। भोपाल में केन्द्रीय मूल्यांकन समिति की बैठक में इंदौर सहित प्रदेश के सभी जिलों की प्रस्तावित गाइडलाइन पर चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इंदौर जिले में औसत 17 फीसदी गाइडलाइन में वृद्धि संभव है, जो कि लगभग दो हजार स्थानों पर रहेगी, जहां पर इस वित्त वर्ष में सर्वाधिक जमीनों-भूखंडों या अन्य सम्पत्तियों की खरीद-फरोख्त हुई है। अभी 31 मार्च तक छुट्टियों के दिन भी रजिस्ट्री की जा रही है और सभी सब रजिस्ट्रारों के स्लॉट भी 44 से बढ़ाकर 72 कर दिए हैं। दूसरी तरफ 2110 करोड़ रुपए का राजस्व अभी तक हासिल भी पंजीयन विभाग ने कर लिया है। हालांकि इस बार का लक्ष्य शासन ने 2540 करोड़ रुपए का दिया है। गाइडलाइन में संभावित वृद्धि के चलते अब रजिस्ट्रियों की संख्या बढ़ जाएगी। अभी पिछले दिनों ही पूर्वी और पश्चिमी आउटर रिंग रोड के निर्माण में जो जमीनों का अधिग्रहण होना है उसके चलते संबंधित गांवों में रजिस्ट्रियों पर ही रोक लगा दी थी। हालांकि बाद में उसे हटा लिया गया और सिर्फ उन सर्वे नम्बरों पर ही यह रोक है, जो कि रोड निर्माण के लिए ली जाना है। उससे भी रजिस्ट्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है। वहीं पहले यह अनुमान था कि लोकसभा चुनाव के चलते संभव है कि गाइडलाइन में अभी 1 अप्रैल से बढ़ोतरी ना की जाए और फिर तीन माह बाद जुलाई से यह वृद्धि लागू हो। मगर सूत्रों का कहना है कि शासन का खजाना भी चूंकि खाली है और आबकारी के बाद पंजीयन विभाग से ही सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है और इंदौर में चूंकि रियल इस्टेट का कारोबार तेजी से चल रहा है और कई क्षेत्रों में तो गाइडलाइन से दो गुनी या उससे अधिक दरों पर भी रजिस्ट्रियां हुईं। हालांकि अभी भी गाइडलाइन और वास्तविक बाजार मूल्य में 5 से लेकर 10 गुना तक अंतर भी है। पिछले दिनों कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में जिला मूल्यांकन समिति की बैठक हुई, जिसमें उन क्षेत्रों में गाइडलाइन बढ़ाने की अनुशंसा की गई, जहां सर्वाधिक या अधिक दरों पर रजिस्ट्रियां वर्तमान गाइडलाइन से हुई है। वहीं नई कॉलोनियां भी चारों दिशाओं में विकसित हो रही है। दो हजार से अधिक इंदौर जिले के ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर अब 1 अप्रैल से रजिस्ट्री करवाना महंगा पड़ेगा, क्योंकि 17 फीसदी तक स्टाम्प ड्यूटी बढ़ जाएगी। आज केन्द्रीय मूल्यांकन समिति की बैठक में गाइडलाइन के संबंध में निर्णय होना है। वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि अभी तक 2110 करोड़ का राजस्व मिल चुका है और 1 लाख 58800 दस्तावेज पंजीबद्ध भी हो गए हैं। मुख्यालय से आए आदेश के मुताबिक सिर्फ होली के दिन ही अभी अवकाश रखा गया है और शेष सभी अवकाश के दिनों में भी रजिस्ट्रियां की जा रही है। साथ ही स्लॉटों की संख्या में भी वृद्धि कर दी गई है। दरअसल 31 मार्च तक 2540 करोड़ रुपए का लक्ष्य हासिल करना है, जिसमें अभी 430 करोड़ रुपए की कमी है। हालांकि मार्च के महीने में ही सबसे अधिक रजिस्ट्रियां होती हैं, क्योंकि 1 अप्रैल से बढ़ी हुई गाइडलाइन लागू हो जाती है। वर्तमान में 15 फीसदी गत वर्ष की तुलना में अधिक राजस्व मिला है, लेकिन लक्ष्य की पूर्ति के लिए अब यह 22 से 25 फीसदी तक हासिल करना होगा।
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