
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (इंदौर में सन् 2011)
इंदौर में आकर मुझे सदैव बहुत अच्छा लगता है। यहाँ के लोगों में आत्मीयता का भाव झलकता है। इंदौरवासी अपने स्वभाव की दृष्टि से बड़े ही स्नेही एवं व्यावहारिक होते हैं। यहाँ बार बार आने को मन करता है।
इंदौर में आकर मुझे सदैव बहुत अच्छा लगता है। यहाँ के लोगों में आत्मीयता का भाव झलकता है। इंदौरवासी अपने स्वभाव की दृष्टि से बड़े ही स्नेही एवं व्यावहारिक होते हैं। यहाँ बार बार आने को मन करता है।