मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अब तक इंदौर शहर में करीब तीन लाख और कंपनी क्षेत्र में लगभग सात लाख स्मार्ट मीटर लगाए हैं। इन स्मार्ट मीटरों से चोरी व लाइन लॉस घटाने में मदद मिली है। उपभोक्ता सेवाओं में भी व्यापक रूप से बढ़ोत्तरी हुई है। ये बातें कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) श्री अमित तोमर ने कहीं। पोलोग्राउंड स्थित मुख्यालय में स्मार्ट मीटर परियोजना की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटरों से बिलिंग, रीडिंग संबंधित विवाद एवं असंतुष्टि की शिकायतें काफी कम हुई है। ये मीटर पहली तारीख को रीडिंग ले लेते है। बिल समय पर बनता है, बिल त्रुटिरहित बनने से अधिकाधिक उपभोक्ताओं में समय पर बिल भरने की भावना का भी संचार हुआ है। ये मीटर समय पर रीडिंग लेते है, इसी कारण प्रत्येक पात्र घरेलू उपभोक्ता को अटल गृह ज्योति योजना की सब्सिडी दी जा रही है, इसी तरह गैर घरेलू उपभोक्ता को पॉवर फैक्टर की लाभ भी समय पर दिया जा रहा है। श्री तोमर ने कहा कि जहां भी अभी स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, वहां सर्विस केबल ठीक से लगी हो, मीटर सही लगे, सीलिंग सही की जाए। इनसे सुरक्षा एवं मीटर संचालन कार्य ठीक प्रकार से होगा, गड़बड़ी की आशंका नहीं रहेगी। प्रबंध निदेशक श्री तोमर ने कहा कि स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी की मंशा रखने वाले सावधान हो जाए। ये मीटर कंट्रोल सेंटर को संकेत देते है। ऐसे में पकड़े जाने पर मीटर खराब होने का शुल्क, एक वर्ष की मौजूदा बिलिंग राशि, बिलिंग राशि के बराबर ही पैनल्टी राशि भी लगाई जाती है। इस अवसर पर कंपनी के निदेशक श्री पुनीत दुबे एवं स्मार्ट मीटर परियोजना निदेशक श्री रवि मिश्रा ने 14 जिलों के स्मार्ट मीटर कार्य, अब तक के मीटरीकरण कार्य की प्रगति का तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत किया। अधीक्षण यंत्री श्रीमती कीर्ति सिंह, श्री नवीन गुप्ता आदि ने भी विचार रखें।
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