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मालवा उत्सव 12 जून से लालबाग में, आदिवासी नृत्य और लोक कला को समर्पित होगा यह उत्सव

इंदौर लोक संस्कृति मंच द्वारा देश का प्रतिष्ठित लोकोत्सव मालवा उत्सव 12 जून 2024 से लालबाग परिसर में आयोजित होने जा रहा है इस वर्ष का यह उत्सव आदिवासी नृत्य व जनजाति लोक कला को समर्पित होगा। लोक संस्कृति मंच के संयोजक एवं इंदौर के लोकप्रिय सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि मालवा उत्सव ने देश व प्रदेश के साथ विश्व पटल पर मालवा की लोक कला एवं संस्कृति को पहुंचाया है। देश व प्रदेश में इंदौर को लोक कला के महत्वपूर्ण केंद्र का दर्जा दिलाया है। साथ ही लोक कलाकारों एवं लोक शिल्पकारो को एक बेहतर मंच उपलब्ध कराया है । 12 जून से 18 जून तक मालवा उत्सव का आयोजन लालबाग परिसर में किया जा रहा है जिसमें देशभर के विभिन्न राज्यों के 400 से अधिक लोक कलाकार एवं 300 शिल्पकार इस आयोजन में भाग लेंगे।

आदिवासी नृत्यो को समर्पित होगा यह उत्सव
लोक संस्कृति मंच के सचिव दीपक लंवगड़े एवं बंटी गोयल ने बताया कि इस वर्ष यह उत्सव इंदौर गौरव दिवस के तहत जनजाति नृत्यो के साथ जनजाति शिल्प कला को भी समर्पित होगा। जनजाति समूह के लिए लालबाग पर एक अलग ही झोन निर्मित किया गया है जिसमें जनजाति समूह के शिल्प एवं शिल्पकार दोनों ही मौजूद रहेंगे। जनजाति समूह गौंड, कर्मा, आदिवासी, बरेदी, कोरकु आदि के द्वारा किए जाने वाले लोकलुभावन नृत्यों की प्रस्तुतियां प्रतिदिन लालबाग परिसर पर देखने को मिलेगी। मालवा उत्सव में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक संपूर्ण भारत के कलाकारों व शिल्पकारों का संगम देखने को मिलता है। मंच पर मालवा की संस्कृति भी अपना रंग बिखेरेगी।

शिल्प मेले में आएंगे 300 से अधिक शिल्पी
लोक संस्कृति मंच के कार्यालय प्रभारी सतीश शर्मा एवं विशाल की गिदवानी ने बताया कि इस वर्ष जनजाति कला के साथ देशभर की कला प्रदर्शित करने लगभग 300 शिल्पकार इस उत्सव में अपनी कलाकृतियां लेकर आएंगे उत्तर प्रदेश हरियाणा, राजस्थान, उड़ीसा गुजरात ,अरुणाचल प्रदेश नागालैंड, मिजोरम, आसाम आंध्र प्रदेश छत्तीसगढ़ पंजाब, उत्तरांचल, हिमाचल के कलाकार अपनी कला की छटा यहां बिखेरेगे। शिल्प मेले में मिट्टी शिल्प, गलीचा शिल्प, टेराकोटा, ड्राई फ्लावर, केन फर्नीचर, कपड़ा शिल्प, पीतल शिल्प, लौह शिल्प प्रमुख रूप से उपलब्ध रहेंगे।

मालवीय व्यंजनों का मिलेगा स्वाद
मंच के पवन शर्मा, रितेश पाटनी एवं संकल्प वर्मा ने बताया कि मालवा उत्सव में प्रतिवर्ष अनुसार मालवीय व्यंजनों के स्वाद के साथ गुजराती दक्षिण भारतीय, राजस्थानी, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित देश के विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद यहां चखने को मिलेगा साथ ही विशेष रुप से साउथ इंडियन डिशेज भी यहां मिलेगी। बच्चों के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के झूले एवं प्ले जोन भी यहां उपलब्ध होंगे। विभिन्न समितियों का गठन कर के आयोजन को सफल बनाने के लिए कंचन गिद्वानी, कमल गोस्वामी, पंकज फतेहचंदानी, कपिल जैन, रितेश पिपलिया, निवेश शर्मा, कमल आहूजा, सोना कस्तूरी, मुकेश पांडे, विकास केतले आदि को व्यवस्थाएं सौंपी गई है।

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