घोड़े के खून से एंटी बॉडी लेकर किया इंदौर में इलाज

सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल इंदौर में पहली बार, दुनिया की खतरनाक जानलेवा बीमारियों में से एक अप्लास्टिक एनीमिया से पीड़ित, गम्भीर मरीज का एटीजी थेरेपी के माध्यम से यानी घोड़े के खून से एंटीबॉडी लेकर इलाज किया गया। इलाज करने वाली टीम के डॉक्टर के मुताबिक लगभग 3 माह तक चले इलाज के बाद स्वस्थ होने पर हॉस्पिटल से इस मरीज की घर वापसी हो रही है।

सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बताया कि जिस तरह जिन मरीजों के जब लिवर, किडनी फेल हो जाते हैं तो ऐसे मरीजों में दूसरो के ऑर्गन ट्रांसप्लांट किये जाते हैं। इसी तरह जब किसी भो मरीज का बोनमेरो फैल हो जाता है मतलब खून बनना बन्द हो जाता है, जिसे अप्लास्टिक एनीमिया बीमारी कहते हैं। इसके इलाज के लिए, बोनमेरो ट्रांसप्लांट किया जाता है मगर कई बार ऐसा होता है कि मेडिकल जांच के दौरान ट्रांसप्लांट वाले बोनमैरो के जीन्स उस पीड़ित मरीज से मैच नही करते। ऐसे हालातो में बोनमेरो ट्रांसप्लान्ट करना असम्भव हो जाता है तब, मरीज का इलाज घोड़े के खून से एंटी बॉडी लेकर एटीजी यानी एंटी थाइमोसाइट ग्लोब्युलिन थेरेपी के माध्यम से किया जाता है। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में इस थैरेपी से पहली बार इलाज किया गया है। तीन माह तक चले इलाज में डॉक्टर सुधीर कटारिया, डॉक्टर राहुल भार्गव, डॉक्टर सुमित शुक्ला की अहम भूमिका रही। इन सबकी वजह से पहली बार सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अब एटीजी थेरेपी इलाज की शुरुआत हो गयी है। इससे अब गरीब और मध्यम वर्ग के पीड़ितों का इलाज आसानी से हो सकेगा।

kampungbet https://ijins.umsida.ac.id/data/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *